वर्ष 1947 में जब भारत ने राजनैतिक स्वतंत्रता प्राप्त की उस समय शिक्षा के क्षेत्र में भारत के नागरिकों की स्थिति बहुत दयनीय थी। वर्ष 1950 में भारत की साक्षरता दर केवल 18 प्रतिशत थी। हालांकि उसी समय से भारत के नागरिकों को शिक्षित बनाने के उद्देश्य से कई कदम उठाए गए